वसन्ततिलका(तभजजगागा):-
१. यह एक वर्णिक छंद है।
२. इसके प्रत्येक चरण में 14-14 वर्ण होते हैं।
३. इसके प्रत्येक चरण में क्रमशः तगण, भगण, दो जगण एवं दो गुरु होते हैं ।
४. इसमें 8-6 पर यति होती है ।
उदाहरण:-
" प्राणी समस्त सम है, यह भाव राखूँ I
ऐसे विचार रख के, रस दिव्य चाखूं ।
हे नाथ ! पूर्ण करना, मन कामना को ।
मेरी सदैव रखना, दृढ़ भावना को ॥"
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