समाचार लेखन की यह सबसे लोकप्रिय एवं उपयोगी शैली है।उल्टा पिरामिड शैली का विकास अमेरिका में गृह युद्ध के दौरान हुआ। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
१. इसमें महत्वपूर्ण घटना का वर्णन पहले किया जाता है, उसके पश्चात घटते क्रम में कम महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया जाता है, इसीलिए इसको उल्टा पिरामिड शैली कहते हैं।
२. इसमें इंट्रो, बॉडी और समापन के क्रम में घटनाएं प्रस्तुत की जाती है।
३. उल्टा पिरामिड शैली में समाचार को तीन भागों में बांटा जाता है- इंट्रो, बॉडी और समापन ।
1. इंट्रो या मुखड़ा:- समाचार की शुरुआत जिन पंक्तियों से होती है उसे खबर का इंट्रो या मुखड़ा कहा जाता है। इसमें 6 ककारों की जानकारी एक साथ दी जाती है।
2. बॉडी:- इंट्रो एवं समापन के बीच के भाग को बॉडी कहा जाता है । इसमें समाचार की विस्तार से जानकारी दी जाती है।
3. समापन:- समाचार को विस्तार देने के पश्चात उसका निष्कर्ष निकाला जाता है उसे ही समापन कहते हैं l
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