मंगलवार, 13 अप्रैल 2021

सवैया छंद/savaiya chhand

सवैया छंद के लक्षण/विशेषताएं:-
१. यह एक सम वर्णिक छंद है।
२. इसमें चार चरण होते हैं।
३. इसमें 22 से 26 तक वर्ण होते हैं।
४. इसमें गणों के विशेष नियम होते हैं।
५. वर्णों की संख्या एवं गणों के अनुसार इनके विभिन्न भेद होते हैं।
सवैया छंद के प्रमुख भेद
१. मदिरा सवैया
२. मतगयन्द या मालती सवैया
३. सुमुखी सवैया
४. दुर्मिल सवैया
५. किरीट सवैया
६. गंगोदक सवैया
७. मुक्तहरा सवैया
८. वाम सवैया
९. अरसात सवैया
१०. सुंदरी सवैया
११. अरविंद सवैया
१२. मानिनी सवैया
१३. महाभुजंग प्रयात सवैया.
१४. सुखी सवैया

मदिरा सवैया के लक्षण:-
१. यह एक सम वर्णिक छंद है।
२. इसमें चार चरण होते हैं।
३. इसके प्रत्येक चरण में 22-22 वर्ण होते हैं।
४. प्रत्येक चरण में सात भगण एवं एक गुरु होता है ।
उदाहरण-
"सिंधु तर्यो उनको बनरा, तुम सै धनु रेख गयी न तरी।
वानर बांधत सो न बंध्यो, उन वारिध बाँधि के बाट करी॥
श्री रघुनाथ प्रताप की बात, तुम्हें दस कंठ न जानि परी।
तेलहु तूलुह पूँछ जरी न जरी, जरी लंक जराई जरी॥"

मतगयन्द/मालती सवैया के लक्षण-
१. यह एक सम वर्णिक छंद है।
२. इसमें चार चरण होते हैं।
३. प्रत्येक चरण में 23-23 वर्ण होते हैं।
४. प्रत्येक चरण में सात भगण एवं दो गुरु होते हैं।
उदाहरण
"कृष्ण दिखे जब नैनन को तब चैन बड़ा हमको मिल जाता।
रोज प्रयास किए हम मोहन लेकिन तू मिलने नहीं आता।।
नीर बहाय रहे अब लोचन आकर क्यों इनमें न समाता।
मैं तुमको जब याद करूं तब क्यों मनमोहक रूप छुपाता।।"

दुर्मिल सवैया के लक्षण-
१. यह एक सम वर्णिक छंद है।
२. इसमें चार चरण होते हैं।
३. प्रत्येक चरण में 24-24 वर्ण होते हैं।
४. प्रत्येक चरण में 8 सगण होते हैं।
उदाहरण
"दुख दूर करो हम मानव का, प्रभु ख्याल रखो हम दीनन का।
खुशियां बरसे मन हर्षित हो, जल जाय दिया हर आंगन का॥
उर निर्मल हो मिट जाय कलेश, खुशी चहुं ओर दिखे मन का
मद लोभ मिटे समता जग में, सुर ताल मिले इस जीवन का॥"



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